ICT क्यों ?
राज्य से संबद्ध स्कूलों और माता-पिता के लिए व्यापक आत्म-समीक्षा और विश्लेषण करने का एक साधन है। यह उपचारात्मक उपाय करने के लिए छात्र-निष्पादन का विश्लेषण करने हेतु उन्हें सक्षम बनाता है। स्कूलों, शिक्षकों और अभिभावकों को करीब लाता है ताकि वे छात्रों की प्रगति की निगरानी कर सकें और निष्पादन में सुधार करने में मदद कर सकें।
आजकल की शिक्षा में खोट है ये कहने वाले कई लोग मिल जायेंगे पर ये खोट दूर कैसे किये जायें इस विषय पर शायद ही कोई व्यक्ति अपने विचार व्यक्त करे। अगर हमे वास्तव में उत्तराखंड की शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारना है तो जमीनी स्तर से इस कार्य को आरंभ करना होगा
ऐसा कब होगा ?
जब एक शिक्षक एक शिल्पकार की भांति कार्य करेगा और उसे समय रहते नवाचारी उपकरणों और संसाधनों से प्रशिक्षित और परिचित करवाया जायेगा.
शैक्षिक नवाचारों का उद्भव स्वतः नहीं होता वरन् इन्हें खोजना पड़ता है तथा सुनियोजित ढंग से इन्हें प्रयोग में लाना होता है, ताकि शैक्षिक कार्यक्रमों को परिवर्तित परिवेश में गति मिल सके और परिवर्तन के साथ गहरा तारतम्य बनाये रख सकें।
क्वालिटी शिक्षा कब और कैसे होगी ?
जो भी इस कार्यक्षेत्र में है उसे योजना और उसका कार्यान्वयन कर आकलन तो करना ही होगा साथ ही
अगर आपको कुछ बेहतर करना है या आप अपने संस्थान को आगे करना चाहते है तो निरंतर नए नवाचार की तलाश करनी होगी और समझ लें कि जीतता वही है जिसने सरल और आसान युक्ति की तलाश की हो.
आई सी टी के अनुप्रयोग
- टीचर्स स्टूडेंट पोर्टल
- इन्टरनेट
- NROER
- इ पाठशाला
- शाला
- सारांश
- मूक्स
- मूडल
- E-बुक्स
- EPUB and फ्लिप बुक
- ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज
- अन्य …………….
Leave a Reply